इस दुनिया में ज़माने से लड़ना आसान है
कम से कम हार जीत का पता तो चलता है....!!!
मगर खुद से लड़ना बहुत मुश्किल है
हार जीत का पता ही नहीं चलता....!!!....!!!....!!!
दिमाग कुछ और सोचता है और दिल कुछ और करता है....!!!
अब देखिये तो किस की जान जाती है....!!!
मैंने उसकी और उसने मेरी कसम खायी है....!!!
इश्क़ कातिल से भी मक़तूल से हमदर्दी भी....!!!
ये बता किस से मोहब्बत की जज़ा माँगेगा....!!!
सजदा खालिक़ को भी इब्लीस से याराना भी....!!!
हशर में किस से अक़ीदत का सिला माँगेगा....!!!
तुम्हारी खुशियों के ठिकाने बहुत होंगे मगर....!!!
हमारी बेचैनियों की वजह बस तुम हो....!!!
उसका चेहरा भी सुनाता हैं कहानी उसकी....!!!
चाहता हूँ कि सुनूं उससे जुबानी उसकी....!!!
वो सितमगर है तो अब उससे शिकायत कैसी....!!!
क्योंकि सितम करना भी आदत हैं पुरानी उसकी....!!!
चलो अब जाने भी दो क्या करोगे हमारी दास्ताँ सुनकर....!!!
ख़ामोशी तुम समझोगे नहीं और बयाँ हमसे होगा नहीं....!!!
बगैर जिसके एक पल भी गुजारा नही होता....!!!
सितम तो देखिए बस वही शख्स हमारा नही होता !
मोहब्बत में लाखों ज़ख्म खाए हमने....!!!
अफ़सोस उन्हें हम पर ऐतबार नहीं....!!!
मत पूछो क्या गुजरती है दिल पर....!!!
जब वो कहते है हमें तुमसे प्यार नहीं....!!!
नज़र अंदाज़ करने की वज़ह क्या है बता भी दो....!!!
मैं वही हूँ जिसे तुम दुनिया से बेहतर बताती थी....!!!
आख़िर तुम भी उस आइने की तरह ही निकले....!!!
जो भी सामने आया तुम उसी के हो गए....!!!
जाने किस बात की उनको शिकायत है मुझसे....!!!
नाम तक जिनका नहीं है मेरे अफ़साने में....!!!
वो मायूसी के लम्हों में ज़रा भी हौसला देता....!!!
तो हम कागज़ की कश्ती पे समंदर में उतर जाते....!!!
उस शख्स से फ़क़त इतना सा तालुक है मेरा....!!!
वो परेशान होता है तो मुझे नींद नही आती है....!!!
अगर वो पूछ लें हमसे
कहो किस बात का ग़म है....!!!
तो फिर किस बात का ग़म है....!!!
अगर वो पूछ लें हमसे....!!!
अब ना कोई शिकवा....!!!
ना गिला....!!!
ना कोई मलाल रहा....!!!
सितम तेरे भी बे-हिसाब रहे....!!!
सब्र मेरा भी कमाल रहा....!!!
बहुत मसरूफ हो शायद जो हम को भूल बैठे हो....!!!
न ये पूछा कहाँ पे हो न यह जाना के कैसे हो....!!!
क्यूँ करते हो मेरे दिल पर इतना सितम?
याद करते नहीं....!!! तो याद आते ही क्यूँ हो....!!!
ना तुम बुरे सनम....!!! ना हम बुरे सनम....!!!
कुछ किस्मत बुरी है और कुछ वक्त बुरा है....!!!
अधूरी हसरतों का आज भी इलज़ाम है तुम पर....!!!
अगर तुम चाहते तो ये मोहब्बत ख़त्म ना होती....!!!
रूठा अगर तुझसे तो इस अंदाज से रूठूंगा....!!!
तेरे शहर की मिट्टी भी मेरे वजूद को तरसेगी....!!!
मुझसे बात ना करके वो खुश है
तो फिर शिकायत कैसी....!!!
और मै उसे खुश भी ना देख पाऊ
तो फिर मोहब्बत कैसी....!!!
उनकी मर्जी हो तो बात करते है और एक हम है
जो पूरे दिन उनकी मर्जी का ही इंतज़ार करते है ....!!!
तुझसे मै इजहार ए मोहब्बत इसलिए भी नही करता....!!!
सुना है बरसने के बाद बादलो की अहमियत नही रहती....!!!
क्यों मेरे चैन ओ सुकून के दुश्मन बन गए....!!!
दुनिया बड़ी हसीं है किसी और से दिल लगा लेते....!!!
फासले बढ़े तो गलतफहमियां और भी बढ़ गयीं....!!!
फिर उसने वह भी सुना जो मैंने कहा ही नहीं ....!!!
न चाहत न मोहब्बत न इश्क़ और न वफ़ा....!!!
कुछ भी तो नहीं था उस के पास इक हुस्न के सिवा....!!!
जी तो चाहता है कि तुझे दिल में छुपा लूँ मैं
मगर न कभी वक़्त ने इजाजत दी ना तुमने....!!!
जब ताल्लुक ही नहीं तो हाल क्या पूछते हो....!!!
मैं जैसा भी हूं....!!!....!!!....!!! बस तुम सा नहीं
हूँ ....!!!
जिंदगी के किसी मोड़ पर
अगर तुम लौट भी आये तो क्या है....!!!
वो लम्हात....!!! वो जज्बात....!!!
वो अंदाज तो ना अब लौटेंगे कभी ....!!!
और....!!!....!!!....!!!
शायद मेरी तुम्हारे लिए तड़प भी ....!!!
न मोहब्बत संभाली गई....!!!
न नफरतें पाली गईं....!!!
बङा अफसोस है उस जिंदगी का....!!!
जो तेरे पीछे खाली गई l
मेरी खामोशियों में भी कोई फसाना ढुंढ लेती है....!!!
बड़ी शातिर है ये दुनिया....!!!....!!!....!!!
सताने का कोई ना कोई बहाना ढूंढ लेती है l
शायद कोई तो कर रहा है मेरी कमी पूरी....!!!....!!!
तब ही तो मेरी याद तुम्हें अब नहीं आती ....!!!
कभी तो अपना वजूद
हम पर लुटा के देख
क्यों दो कदम चलकर तेरा
यकीन ठहर जाता है ....!!!
ज़ीना मुहाल कर रखा है....!!!
मेरी इन आँखों ने....!!!
खुली हो तो तलाश तेरी....!!!
बंद हो तो ख्वाब तेरे ....!!!
मैं अपनी चाहतों का हिस्सा जो लेने बैठ जाऊं....!!!
तो सिर्फ मेरा याद करना भी ना लौटा सकोगे ....!!!
खामोशी से गुजरी जा रही है जिन्दगी....!!!
ना खुशियों की रौनक ना गमों का कोई शोर ....!!!
आहिस्ता ही सही पर कट जायेगा ये सफ़र....!!!
पर ना आयेगा दिल में उसके सिवा कोई और ....!!!
तुम बेवफा नहीं ये तो धड़कनें भी कहती हैं....!!!
अपनी मज़बूरिओं का एक पैगाम तो भेज देते ....!!!
मैं शिकवा करूँ भी तो
किस से करूँ....!!!
अपना ही मुक़द्दर है
अपनी ही लकीरें हैं ....!!!
गलतियों से जुदा तू भी नहीं और मैं भी नहीं....!!!
दोनों इंसान हैं ख़ुदा तू भी नहीं....!!! मैं भी नहीं....!!!
गलतफहमियों ने कर दी दोनों में पैदा दूरियां....!!!
वरना फितरत का बुरा तू भी नहीं मैं भी नहीं....!!!
दिल से मिले दिल तो सजा देते है लोग....!!!
प्यार के जज्बातों को डुबा देते है लोग....!!!
दो इँसानो को मिलते कैसे देख सकते है....!!!
जब साथ बैठे दो परिन्दो को भी उठा देते है लोग ....!!!
सुहाना मौसम और हवा में नमी होगी....!!!
आँसुओं की बहती नदी न थमी होगी....!!!
मिलना तो हम तब भी चाहेंगे आपसे....!!!
जब आपके पास वक़्त और
हमारे पास साँसों की कमी होगी....!!!
भले ही राह चलते तू औरों का दामन थाम ले....!!!
मगर मेरे प्यार को भी तू थोड़ा पहचान ले....!!!
कितना इंतज़ार किया है तेरे इश्क़ में मैंने....!!!
ज़रा इस दिल की बेताबी को भी तू जान ले....!!!
तलब ऐसी कि बसा लें अपनी साँसो में तुझे हम....!!!
और किस्मत ऐसी कि दीदार के भी मोहताज हैं हम ....!!!
बस यही सोचकर कोई सफाई नहीं दी हमने....!!!
कि इलज़ाम भले ही झूठे हो पर लगाये तो तुमने है....!!!
करूँगा क्या जो हो गया नाकाम मोहब्बत में....!!!
मुझे तो कोई और काम भी नहीं आता इसके सिवा....!!!
बोलने की आदत तो हमें बचपन से है
हम क्या करे....!!!
आपको शिकायत है हमसे तो
तो हम क्या करे....!!!
हम तो बोलते है हमेशा से इतना प्यारा
आपको पसंद न आये तो
हम क्या क्या करे....!!!
मेरी चाहत को मेरी हालत की तराजू में ना तोल....!!!
मैंने वो ज़ख्म भी खाऐं हैं जो मेरी किस्मत में नहीं
थे ....!!!
तूने फैसले ही फासले....!!! बढाने वाले किये थे....!!!....!!!....!!!
वरना कोई नहीं था....!!! तुझसे ज्यादा करीब मेरे....!!!
उस को मालूम है कि उस बिन हम टूट जाते हैं....!!!
फिर क्यूं वो आज़माते हैं हम को बिछड़ बिछड़ कर....!!!
कभी जो मिलें फुरसत तो बताना जरूर....!!!....!!!....!!!
वो कौन सी मौहब्बत थी जो मैं ना दे सका ....!!!
जीना तो पडेगा फकत दुनियाँ को दिखाने के लिये....!!!
वरना....!!!....!!!....!!! मैनें कब चाही थी उसके बगैर
जिदंगी ....!!!
थोडी थोडी ही सही मगर बाते तो किया करो....!!!....!!!....!!!
चुपचाप रहती हो तो खफा खफा सी लगती हो....!!!
मैं क़ाबिल-ए-नफ़रत हूँ तो छोड़ दो मुझको....!!!
यूं मुझसे दिखावे की मोहब्बत ना किया करो....!!!
क्यूँ शर्मिंदा करते हो....!!!
हाल हमारा पूँछ कर....!!!
हाल हमारा वही है....!!!
जो तुमने बना रखा हैं ....!!!
ज़िन्दगी से मेरी आदत नहीं मिलती....!!!
मुझे जीने की सूरत नहीं मिलती....!!!
कोई मेरा भी कभी हमसफ़र होता....!!!
मुझे ही क्यूँ मुहब्बत नहीं मिलती....!!!
दिमाग पर जोर डालकर गिनते हो..!!
गलतियाँ मेरी....!!!
कभी दिल पर हाथ रख कर पूछना
कि कसूर किसका था....!!!
न जाने क्यों लोग अपना बना के सज़ा देते है....!!!
जिंदगी छीन के....!!!....!!!....!!! ज़िन्दगी की दुआ देते है ....!!!
बख्शे हम भी न गए बख्शे तुम भी न जाओगे....!!!
वक्त जानता है हर चेहरे को बेनकाब करना....!!!
शिकायतें सारी जोड़ जोड़ कर रखी थी मैंने....!!!
उसने गले लगाकर सारा हिसाब बिगाड़ दिया....!!!
आज भी प्यार करता हूँ तुझसे....!!!
ये नहीं कि कोई मिली ही नहीं....!!!
मिलीं तो बहुत तेरे बाद पर....!!!
तू किसी चेहरे में दिखीं ही नहीं....!!!
बस एक मेरा ही हाथ नहीं थामा उस ने....!!!
वरना गिरते हुए कितने ही संभाले उसने....!!!
तुम फिर ना आ सकोगे....!!!
बताना तो था ना मुझे....!!!
तुम दूर जा कर बस गए....!!!
और मैं ढूंढ़ता ही रह गया....!!!
मुझसे मिलने को करता था बहाने कितने....!!!
अब मेरे बिना गुजारेगा वो जमाने कितने....!!!









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