तुम्हारे प्यार की दास्तां हमने अपने दिल में लिखी है....!!!
न थोड़ी न बहुत बे-हिसाब लिखी है....!!!
किया करो कभी हमे भी अपनी दुआओं में शामिल....!!!
हमने अपनी हर एक सांस तुम्हारे नाम लिखी है....!!!
तेरी दुआ से कज़ा तो बदल नहीं सकती....!!!
मगर है इस से यह मुमकिन कि तू बदल जाये....!!!
तेरी दुआ है कि हो तेरी आरज़ू पूरी....!!!
मेरी दुआ है तेरी आरज़ू बदल जाये....!!!
लौट आती है हर बार मेरी दुआ खाली....!!!
जाने कितनी ऊँचाई पर खुदा रहता है....!!!
पलभर की भी तन्हाई तुम्हें नसीब ना हो....!!!
कोई भी गम तुम्हारे करीब ना हो....!!!
रब तुम्हारी ज़िन्दगी में इतनी खुशियाँ दे....!!!
कि तुमसे बढ़कर कोई खुशनसीब ना हो....!!!....!!!
भूल न जाऊं माँगना उसे हर नमाज़ के बाद....!!!
यही सोच कर हमने नाम उसका दुआ रक्खा है....!!!

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