अच्छा लगता है तेरा नाम मेरे नाम के साथ,
जैसे कोई खूबसूरत सुबह जुडी हो किसी हसीं शाम के साथ..
…
किस्मत पर नाज़ है तो वजह तेरी रहमत..
खुशियां जो पास है तो वजह तेरी रहमत..
मेरे अपने मेरे साथ है तो वजह तेरी रहमत..
मैं तुझसे मोहब्बत की तलब कैसे न करूँ..
चलती जो ये सांस है तो वजह तेरी रहमत..
खामोशी से बिखरना आ गया है,
हमें अब खुद उजड़ना आ गया है,
किसी को बेवफा कहते नहीं हम,
हमें भी अब बदलना आ गया है,
किसी की याद में रोते नहीं हम,
हमें चुपचाप जलना आ गया है,
गुलाबों को तुम अपने पास ही रखो,
हमें कांटों पे चलना आ गया है |
जीत किसके लिए हार किसके लिए
ज़िंदगी भर ये तकरार किसके लिए,
जो भी आया है वो जायेगा एक दिन
फिर ये इतना अहंकार किसके लिए !
खुदा की रहमत में अर्जियाँ नहीं चलतीं
दिलों के खेल में खुदगर्जियाँ नहीं चलतीं
चल ही पड़े हैं तो ये जान लीजिए हुजुर,
इश्क़ की राह में मनमर्जियाँ नहीं चलतीं !
इंसानों के कंधे पर इंसान जा रहे हैं,
कफ़न में लिपट कर कुछ अरमान जा रहे हैं,
जिन्हें मिली मोहब्बत में बेवफ़ाई,
वफ़ा की तलाश में वो कब्रिस्तान जा रहे हैं।
कभी इनका हुआ हूं मै,
कभी उनका हुआ हूं मै
खुद के लिए कोशिश नहीं की,
मगर सबका हुआ हूं मै
मेरी हस्ती बहुत छोटी, मेरा रूतबा नही कुछ भी
लेकिन डूबते के लिए सदा तिनका हुआ हू मै !!!!!
यूँ तो इस दर्द की इन्तहा कुछ नहीँ,
गिला ये है कि जाते हुए कहा कुछ नहीँ,
ताकते रहे बस जाने से पहले वो,
लब कुछ तो कह रहे थे,
क्यों सुना कुछ नहीँ ! ! ! !
पैगाम तो एक बहाना था
इरादा तो आपको याद दिलाना था
आप याद करे या ना करे कोई बात नही
पर आपकी याद आती है
बस इतना ही हमने आपको बताना था !!!
सैकड़ों शिकायतें रट रखी थी,
उन्हें सुनाने को किताबों की तरह
वो मुस्कुरा के ऐसे मिले
कि एक भी याद नहीं आई !!!
जब प्यार किसी से होता है
हर दर्द दवा बन जाता है
क्या चीज मुहब्बत होती है
एक शख्स खुदा बन जाता है !!!
ये लब चाहे खामोश रहें
आँखों से पता चल जाता है
कोई लाख छुपा ले इश्क मगर
दुनिया को पता चल जाता है !!!
तक़दीर ने हमें आज़माया बहुत
हमने उसे मनाया बहुत
जिसकी ज़िंदगी ख़ुशियों से सजा दी
उसी शख़्स नें हमें रुलाया बहुत !!!
जब इश्क का जादू चलता है
सेहरा में फूल खिल जाता है
जब कोई दिवाना मचलता है
तब ताजमहल बन जाता है
जैसे कोई खूबसूरत सुबह जुडी हो किसी हसीं शाम के साथ..
…
किस्मत पर नाज़ है तो वजह तेरी रहमत..
खुशियां जो पास है तो वजह तेरी रहमत..
मेरे अपने मेरे साथ है तो वजह तेरी रहमत..
मैं तुझसे मोहब्बत की तलब कैसे न करूँ..
चलती जो ये सांस है तो वजह तेरी रहमत..
खामोशी से बिखरना आ गया है,
हमें अब खुद उजड़ना आ गया है,
किसी को बेवफा कहते नहीं हम,
हमें भी अब बदलना आ गया है,
किसी की याद में रोते नहीं हम,
हमें चुपचाप जलना आ गया है,
गुलाबों को तुम अपने पास ही रखो,
हमें कांटों पे चलना आ गया है |
जीत किसके लिए हार किसके लिए
ज़िंदगी भर ये तकरार किसके लिए,
जो भी आया है वो जायेगा एक दिन
फिर ये इतना अहंकार किसके लिए !
खुदा की रहमत में अर्जियाँ नहीं चलतीं
दिलों के खेल में खुदगर्जियाँ नहीं चलतीं
चल ही पड़े हैं तो ये जान लीजिए हुजुर,
इश्क़ की राह में मनमर्जियाँ नहीं चलतीं !
इंसानों के कंधे पर इंसान जा रहे हैं,
कफ़न में लिपट कर कुछ अरमान जा रहे हैं,
जिन्हें मिली मोहब्बत में बेवफ़ाई,
वफ़ा की तलाश में वो कब्रिस्तान जा रहे हैं।
कभी इनका हुआ हूं मै,
कभी उनका हुआ हूं मै
खुद के लिए कोशिश नहीं की,
मगर सबका हुआ हूं मै
मेरी हस्ती बहुत छोटी, मेरा रूतबा नही कुछ भी
लेकिन डूबते के लिए सदा तिनका हुआ हू मै !!!!!
यूँ तो इस दर्द की इन्तहा कुछ नहीँ,
गिला ये है कि जाते हुए कहा कुछ नहीँ,
ताकते रहे बस जाने से पहले वो,
लब कुछ तो कह रहे थे,
क्यों सुना कुछ नहीँ ! ! ! !
पैगाम तो एक बहाना था
इरादा तो आपको याद दिलाना था
आप याद करे या ना करे कोई बात नही
पर आपकी याद आती है
बस इतना ही हमने आपको बताना था !!!
सैकड़ों शिकायतें रट रखी थी,
उन्हें सुनाने को किताबों की तरह
वो मुस्कुरा के ऐसे मिले
कि एक भी याद नहीं आई !!!
जब प्यार किसी से होता है
हर दर्द दवा बन जाता है
क्या चीज मुहब्बत होती है
एक शख्स खुदा बन जाता है !!!
ये लब चाहे खामोश रहें
आँखों से पता चल जाता है
कोई लाख छुपा ले इश्क मगर
दुनिया को पता चल जाता है !!!
तक़दीर ने हमें आज़माया बहुत
हमने उसे मनाया बहुत
जिसकी ज़िंदगी ख़ुशियों से सजा दी
उसी शख़्स नें हमें रुलाया बहुत !!!
जब इश्क का जादू चलता है
सेहरा में फूल खिल जाता है
जब कोई दिवाना मचलता है
तब ताजमहल बन जाता है
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