- मेरे ख्वाबों तक ने जगाया है मुझे हर बार यहाँ ,
- अब मेरे सोने की कोई सूरत दिखाई नहीं देती.........$$$$$
- हर बार सोचा है तुझे जब भी तुझे भुलाया है ,
- यादों के पार करे ऐसी कश्ती दिखाई नहीं देती .........$$$$$
- आँखों में तेरी सूरत मैं आज भी लिए बैठा हूँ ,
- कैसे कह दूँ कि अब तू मुझे दिखाई नहीं देती.........$$$$$
- मैं तेरे इश्क़ में गिरफ़्तार था और रहूँगा हमेशा ,
- बस तेरी हामी की एक आवाज़ सुनाई नहीं देती .........$$$$$
- *****************************
- Mere Khwabon tak ne jagaya hai mujhe har baar yahan ,
- Ab mere sone ki koi surat dikhaai nahin deti.........$$$$$
- Har baar socha hai tujhe jab bhi tujhe bhoolaya hai ,
- Yaadon ke paar kare aisi kashti dikhaai nahin deti.........$$$$$
- Aankho mein teri soorat main aaj bhi liye baitha hun ,
- Kaise kah dun ki ab tu mujhe dikhaai nahin deti.........$$$$$
- Main tere ishq mein giraftaar tha aur rahunga hamesha ,
- Bas teri haami ki ek awaaz sunaai nahi deti.........$$$$$
- *****************************
- वफ़ा को हमने तुमसे निभाने की क़सम खायी है ,
- ख़ुद को तुम से ना मिलाने की क़सम खायी है ,
- ग़म चाहे कितने भी आयें अब इस ज़िन्दगी में ,
- याद तुम्हे करके मुस्कुराने की क़सम खायी है.........$$$$$
- *****************************
- Vafa ko hamne tumse nibhane ki kasam khayi hai,
- Khud ko tum se na milaane ki kasam khayi hai,
- Gum chaahe kitani bhi ab aayen is zindagi mein,
- Yaad tumhe karke muskuraane ki kasam khayi hai.........$$$$$
- *****************************
- कैसे कह दूँ शिकायत है दुनिया से मुझे कोई ,
- हमेशा मेरी परछाईं ने निभाया है साथ मेरा.........$$$$$
- Kaise kah dun shikaayat hai duniya se mujhe koi,
- Hamesha meri Parchhaain ne nibhaya hai saath mera.........$$$$$
- *****************************
- जब से परछाइयों ने मुझको घेरा है ,
- रौशनी मुझसे नज़रें चुराने लगी है.........$$$$$
- Jab se parchhaiyon ne mujhko ghera hai ,
- Roshni mujhase nazaren churaane lagi hai.........$$$$$
- *****************************
- उनकी परछाईं को आँखों में बसाया है मैंने ,
- फिर क्यूँ मैं नींद के आने का इंतज़ार करूँ ?
- Unki Parchhaain ko aankhon mein basaya hai maine ,
- Phir kyun main neend ke aane ka intezaar karun.........$$$$$
- *****************************
- परछाइयों को सबका , दिखता है सच हमेशा ;
- झूठ से किसी के , ना कोई इनका सरोकार है !
- Parchhaaiyon ko sabka , dikhta hai sach hamesha ;
- Jhooth se kisi ke , na koi inka sarokar hai.........$$$$$
- *****************************
- दामन में कभी मेरे , ग़र आग़ भी लगी हो ;
- परछाईं ने कभी मेरी , दामन नहीं है छोड़ा.........$$$$$
- Daaman mein kabhi mere , gar aag bhi lagi ho ;
- Parchhaain ne kabhi meri , daman nahin hai chhoda.........$$$$$
- *****************************
- इन चिंगारिओं से हमारी , पहचान है पुरानी ;
- एहसास-ए-जुर्म की आग में बरसों जले हैं हम.........$$$$$
- *****************************
- In Chingaarion se hamari , pehchan hai puraani ;
- Ehsaas-e-jurm ki Aag mein , barason jale hain hum.........$$$$$
- *****************************
- मेरी ही परछाईं , ज़िन्दगी मुझे सिखलाती है,
- इशारों में मुझे , वक़्त का हाल समझाती है,
- सर पे हाथ हो उजालों का , तो रहती छोटी,
- दूर हो रौशनी , तो मुझसे बड़ी हो जाती है.........$$$$$
- *****************************
- Meri hi parchhaain , zindagi mujhe sikhalaati hai,
- Isaaron mein mujhe , waqt ka haal samjhaati hai,
- Sar pe haath ho ujaalon ka , to rahti chhoti,
- Door ho roshni to , mujhse badi ho jaati hai .........$$$$$
- *****************************
- वक़्त की गिरफ्त में , सबका सूरते हाल है ;
- पर नहीं सीरत पर , इसका ज़ोर बहरहाल है.........$$$$$
- *****************************
- Waqt ki giraft mein, sabka soorate haal hai ;
- Par nahin seerat par , iska zor baharhal hai.........$$$$$
- *****************************
- मेरा तो वो था ही नहीं , ये रोज़ ही मुझसे कहता है ,
- और जिसका वो हो ना सका , उसके ग़म में रहता है.........$$$$$
- *****************************
- Mera to Wo tha hi nahin , ye roz hi mujhse kahta hai ,
- Aur jiska Wo ho na saka , uske gam mein rahta hai.........$$$$$
- *****************************
- बीता हुआ हर एक लम्हा मुझे पहचानता है ;
- गुज़रा कल मुझे अपना एक हिस्सा मानता है ;
- बस यूँ ही नहीं मैं गुज़रे वक़्त पे क़ुरबान हूँ ;
- एक वही मेरे दिल की सच्चाइयों को जानता है .........$$$$$
- *****************************
- Beeta hua har ek lamha mujhe pehchanta hai ;
- Guzara kal mujhe apna ek hissa manta hai ;
- Bas yun hi nahin main guzare waqt pe qurbaan hun ;
- Ek wahi mere dil ki sachchaaiyon ko janta hai.........$$$$$
- *****************************
- नज़रों से मेरी तुम , राज़ छुपाये फिरते हो ;
- आईनों से क्यूँ , अंदाज़ छुपाये फिरते हो.........$$$$$
- *****************************
- Nazaron SE meri tum , raaz chupaaye phirate ho ,
- Aaeenon SE kyun , andaaz chupaaye phirate ho .........$$$$$
- *****************************
- ये मैं नहीं कहता , पर वक़्त का दस्तूर है ;
- दो शख्स भी नहीं हैं , एक जैसे इस जहां में !
- हर दिन है यूँ बदलता , कुदरत के इशारे पर ;
- ग़र बदले नहीं हैं दिल, तो ये इनायत है उसकी.........$$$$$
- *****************************
- Ye main nahin kahta , par waqt ka dastoor hai ;
- Do shaksh bhi nahin hain , ek jaise is jahaan mein.........$$$$$
- Har din hai yun badalta , kudarat ke ishaare par ;
- Gar badale nahin hain dil , to ye inayat hai uski.........$$$$$
- *******************************
- मुश्किल इस राह में , मुस्कान नहीं छोड़ूँगा ,
- ऊँचाई की चाह में , स्वाभिमान नहीं छोड़ूँगा..........$$$$$
- *****************************
- वक़्त को अपने बदलना चाहता हूँ ,
- ख़ुद ब ख़ुद मैं सम्भलना चाहता हूँ ,
- चलूँ तनहा या तेरा इन्तज़ार करूँ ,
- कशमक़श से निकलना चाहता हूँ .........$$$$$
- *****************************
- टूटते तारों को आँखों में बसाया है ,
- उनकी यादों को साँसों में छुपाया है ,
- कभी समंदर को समेटा था बाहों में ,
- आज ख़ुद उसे साहिल पे लुटाया है.........$$$$$
- *****************************
- ज़िन्दगी एक रात की नींद सी ढलती रही ,
- और मदहोश मैं इक ख़्वाब सा बहता रहा .........$$$$$
- *****************************
- बस आज ये माँगूँ , कि मैं जान पाऊँ ,
- ख़ुदा के अहसानों को , मैं मान पाऊँ ,
- दिया है उसने बहुत , मैं ये देख सकूँ ,
- हर पल में ख़ुशी को, मैं पहचान पाऊँ.........$$$$$
- *****************************
- चमक की चाह में , हर शख़्स यहाँ , जलता है ज़रूर ,
- पर है रौशन वही , जिसे बख़्शे खुदा , दोस्ती का नूर.........$$$$$
- *****************************
- आज तुम मेरे , आने का , इन्तज़ार करो ,
- ज़िद ना करो , प्यार का , इज़हार करो.........$$$$$
- *****************************
- मिली नज़र जो आपसे , ना दूर हो सके ,
- ये बात और है कि ना , मशहूर हो सके.........$$$$$
- थी बीमारी आपको , भुलाने की रिश्ते ,
- इसीलिये आँखों का हम ना , नूर हो सके ।
- मेरी नज़र में आप थीं , पर आप में कोई और,
- हम आपकी नज़र का ना , सुरूर हो सके .........$$$$$
- आपकी आँखों और , बातों में थी जफ़ा ,
- मेरे ख़्वाब फिर भी ना , मजबूर हो सके.........$$$$$
- जीते हैं मोड़ ज़िन्दगी के , हमने सब यहाँ ,
- पर ना इश्क़ के मैदान के , हुज़ूर हो सके.........$$$$$
- *****************************
- मिली नज़र जो आपसे , ना दूर हो सके ,
- ये बात और है कि , ना मशहूर हो सके.........$$$$$
- *****************************
- मुसाफ़िर मैं अदना सा , और रास्ते कई हैं ,
- हर रास्ते से लिपटे , यहाँ वास्ते कई हैं ,
- चलूंं अब किधर मैं , मुश्किल है ये समझना.........$$$$$
- पर इन्सान को हमेशा , खुदके ही साथ चलना ,
- खो जाऊँ अब अगर , क्यूँ मैं डरता हूँ ,
- बस अपने ही वास्ते , क्यूँ मैं मरता हूँ.........$$$$$
- है रात बहुत बीती , ये जवाब मुझे चाहिये ,
- ख़ुद के लिये चलूँ , या सवाब मुझे चाहिये ,
- मुश्किल है ये बात , और आसां भी यही है.........$$$$$
- है सबको जो चलाता , वो तो यहीं कहीं है ,
- फिर सोच में क्यूँ डूबा , ले रास्ता पुराना ,
- चल चुके जो इस रस्ते , बोलें बड़ा सुहाना.........$$$$$
- ठाना अब ये मैंने , करना मुझे यही है ,
- सब रास्ते हैं मेरे , डरना मुझे नहीं है ,
- चलना है मुझे अब , बस एक ख़ुदा के वास्ते ,
- कहते हैं ग़ुल खिलेंगे , फिर मेरे हरेक रास्ते.........$$$$$
- *****************************
- भूल के साया भी तुमको चलना होगा ,
- सह के दर्द भी तुमको सम्भलना होगा ,
- हों चाँद तारे भी चाहे ख़िलाफ़ तुम्हारे ,
- इरादों से तुम्हे वक़्त को बदलना होगा.........$$$$$
- *****************************
- तेरी साँसों की धड़कन, मुझे ख़ूब सुनाई देती है ,
- तेरी सूरत आँखों में , मुझे सबकी दिखाई देती है.........$$$$$
- *****************************
- मैं उनके सामने ही , यूँ वक़्त में गुज़र गया ;
- तो कभी उनकी आँखों में , यूँ ही ठहर गया ;
- ना वो बोले ना मैं बोला, ज़िन्दगी चलती रही ;
- वो लम्हा पास होकर भी,कहने से मुक़र गया .........$$$$$
- *****************************
- मैं
- उन आँखो की तलाश में हूँ
- जिनकी आस ने
- मुझको तराशा था .........$$$$$
- बरसों निकल गये हैं
- वक़्त से आगे कहीं
- पर मैं हूँ
- कि
- वक़्त की ग़र्द में
- दबे हुए उस लम्हे को
- ढूँढ रहा हूँ
- जो उस दिन
- उसकी आँखों से निकल
- आँसू बनकर बह गया था.........$$$$$
- सुना था
- उसके गर्म होठों को छूकर
- वो आँसू
- भाप बनकर
- हवा में उड़ा था
- और जा मिला था
- बादलों में .........$$$$$
- उस दिन से
- हमेशा
- जब कभी
- बादल बरसते हैं
- मैं
- बारिश में भीगता हूँ
- और गिरती बूँदों को
- हथेलियों में समेटता हूँ
- और ढूँढता हूँ
- उस आँसू को
- जो उस दिन
- बादलों में मिला था.........$$$$$
- पर
- पहचान नहीं पाता हूँ
- किसी भी बूँद में
- उस आँसू का अस्तित्व.........$$$$$
- मैं जानता हूँ
- कि
- गया वक़्त नहीं लौटता
- फिर भी
- न जाने क्यूँ
- ढूँढता हूँ
- हर बारिश में
- वो खोया लम्हा
- जो बह गया था
- उसकी आँखों से
- लिये
- मेरा अहसास
- और
- उन आँखो की आस.........$$$$$
- *****************************
- हम तो तेरी निगाहों में बस बहते रहे ,
- ज़ुल्फ़ों का तेरी ज़ुल्म भी हम सहते रहे ,
- क़बूल करेगी कभी सामने से या नहीं तू ,
- इसलिये दूर ही से अपना तुझे कहते रहे.........$$$$$
- *****************************
- भँवर में क़ैद पानी की मँझधार हमने देखी है ,
- आदमी की ख़ुदाई से वो गुहार हमने देखी है ,
- ज़िन्दगी ही ज़िन्दगी से भीख़ माँगे फिर भी ,
- आदमी की हिम्मत वो बेशुमार हमने देखी है .........$$$$$
- *****************************
- हजारों हैं ग़म ज़िन्दगी में ज़माने में ,
- क्या क्या सुनायें हम आपको फ़साने में.........$$$$$
- *****************************
- आँखो पे तेरी काजल का पहरा है ,
- होठों पे तेरे गुलाबों का सेहरा है ,
- बदन की हिफाज़त में है ख़ुशबू तेरी ,
- हुस्न तेरे सामने क्या कभी ठहरा है .........$$$$$
- क़दमों से तेरे है सावन की मस्ती ,
- नज़रों में तेरी सारी दुनिया की बस्ती ,
- तेरे आने से होती महफ़िल में रौनक़ ,
- तेरी चाहत में हर ख़्वाब सुनहरा है.........$$$$$
- आँखो पे तेरी काजल का पहरा है .........$$$$$
- *****************************
- बेतकल्लुफ़ रहे रात भर वो आग़ोश में हमारी ,
- यूँ ही नहीं हम हुस्न में सराबोर हैं आज !
- *****************************
- मेरी आँखों की गहराई से मुझे तुम जान लेना ,
- मेरे ख़्वाबों की सच्चाई से मुझे पहचान लेना ,
- ग़र कभी भूल के भी भूलूँ तुझे मैं ज़िन्दगी में ,
- अपने सासों की आहट से बस मेरा नाम लेना .........$$$$$
- *****************************
- चाहूं कितना भी संभालना , फिर भी ना संभलती है ,
- ज़िन्दगी हमेशा बदलती है , हर शाम यूं ही ढलती है.........$$$$$
- *****************************
- वक़्त की बिसात पर आज मेरा साया है ,
- ग़ुबार दिल पे पुरानी बातों का छाया है ,
- क्या भूलूं और क्या याद करूं मैं आज ,
- खोके ज़िन्दगी को मैंने खुद को पाया है.........$$$$$
- *****************************
- बस वक़्त की फिराक़ में ज़िंदगी निकल गयी ,
- बात छुपाई हर हाल में पर ज़ुबंा फिसल गयी ,
- किया क्या ना हमने और कितना पुकारा उन्हे ,
- पर बह चुकी वफ़ा में उनकी निगाह बदल गयी .........$$$$$
- *****************************
- चिंगारियों से निकली क्या आग़ ये वही है
- जिसने जलाया दामन रक़ीबों का बार बार.........$$$$$
- *****************************
- क्यूँ मुझे वो गीत कुछ सच्चा सा नहीं दिखता है ,
- क्यूँ मुझे वो संगीत कुछ अच्छा सा नहीं दिखता है ,
- क्यूँ मुझे उन आँखों में काेई सपना सा नहीं दिखता है ,
- क्यूँ मुझे उन बातों में कोई अपना सा नहीं दिखता है ,
- हैै ये मेरा , मेरे दिल का या मेरी इन आँखों का कसूर ,
- कि अक्स मुझे अपना भी धुन्धला सा अब दिखता है.........$$$$$
- *****************************
- मेरे ग़म मेरी तनहाई को ,
- जब से है यूँ चाहा तुमने ,
- तभी से मुझे वो तनहाई ,
- एक अनजान सी लगती है.........$$$$$
- हर लम्हा तबस्सुम की बाहों में ,
- हर सांस तरन्नुम की छाँव में ,
- हर धड़कन साज़ की महफ़िल में ,
- नगमों की बरसात सी लगती है.........$$$$$
- मेरी तुम्हारी वो तमाम यादें ,
- यादों सी जुडी वो सारी बातें ,
- इस रात की उजली छाँव में ,
- सपनों की बारात सी लगती है.........$$$$$
- *****************************
- तुम उदास मत होओ
- मैं तुम्हारी
- ज़िन्दगी से चला जाऊँगा
- एक गुजरे वक़्त की मानिंद
- जो कभी नहीं लौटता.........$$$$$
- वो तमाम यादें भी
- आपने साथ ले जाऊँगा
- जो हमेशा तुम्हारे साथ हैं.........$$$$$
- दर्द भरी ख़ामोशी भूलकर
- मैं मुस्कराऊंगा
- ग़म के अफ़साने भूलकर
- मैं मीठे गीत गुनगुनाऊंगा
- अपनी तन्हाइयों को मैं
- अपना हमकदम बनाऊंगा
- और भूलकर भी
- मैं तुम्हे याद नहीं आऊंगा.........$$$$$
- लेकिन जब कभी –
- तुम्हे ये अहसास हो
- की तुम अकेली हो
- तुम्हे किसी दुसरे की
- तन्हाई का साथ चाहिए
- तब उस मोड़ पर .........$$$$$
- तुम देर नहीं करना
- मुझे धीरे से पुकार लेना
- मैं हमेशा –
- कहीं तुम्हारे साथ हूँ.........$$$$$
- *****************************
- हाँ ! देखी है वो भी एक ज़िन्दगी.........$$$$$
- प्यार की ज़फाओं पर आंसू बहाती एक ज़िन्दगी ,
- रोती , सुबकती और सिसकती हुई एक ज़िन्दगी ,
- हाँ ! ज़िन्दगी ही तो थी और कहूँ क्या मैं उसे ,
- वक़्त में तिल तिल कर मरती हुई एक ज़िन्दगी.........$$$$$
- *****************************
- वो ख़्वाबों के सारे महल ढह गए ,
- हसरतें ही बचीं ज़िन्दगी के लिए ,
- अब जीने की कोई उमंगें नहीं ,
- ज़िन्दगी भी नहीं ज़िन्दगी के लिए.........$$$$$
- *****************************
- दिल ही दिल में किसी पे मैं मरता रहा ,
- बस तन्हाइयों में ही आहें मैं भरता रहा.........$$$$$
- इज़हारे इश्क ना कर सका उससे कभी ,
- वो इंतज़ार ही तो था जो मैं करता रहा.........$$$$$
- *****************************
- हर पल एक प्यार की चाह में ,
- इस दिल को बेक़रार मैंने देखा है.........$$$$$
- एक एक पल उम्र से भी बड़ा था ,
- एक ऐसा भी इंतज़ार मैंने देखा है.........$$$$$
- जब भी सोचा है आपके बारे में ,
- लगता है हसीं ख़्वाब मैंने देखा है.........$$$$$
- में आपके और आप मेरे करीब थे ,
- ये एक ख़्वाब बार बार मैंने देखा है.........$$$$$
- और उन ख़्वाबों से उठकर देखने पे ,
- दूर तक आपको ही जनाब मैंने देखा है.........$$$$$
- शबनम को फूलों के आस पास देख ,
- यूँ लगा आपको उदास मैंने देखा है.........$$$$$
- नज़र मिलते ही आपसे कुछ यूँ लगा ,
- आप नहीं एक आफताब मैंने देखा है.........$$$$$
- आप नहीं तो फूलों से दुश्मनी सी थी ,
- पर अब काँटों को खुशबूदार मैंने देखा है.........$$$$$
- हर कली को संवारने वाले गुलज़ार का ,
- वो एक लाजबाब शाहकार मैंने देखा है.........$$$$$
- आपकी आँखों के इस गहरे समंदर में ,
- आपने लिए प्यार ही प्यार मैंने देखा है.........$$$$$
- *****************************
- तुम नहीं तो लगते हैं फूल भी दुश्मन मुझे ,
- पर तुम्हारे आते ही काँटों में भी खुशबू होगी.........$$$$$
- *****************************
- ना जाने वो कैसी नज़र देखते हैं ,
- हम तो बस उनकी नज़र देखते हैं ,
- नज़र की नज़र से हजारों ये बातें ,
- नज़र का नज़र पे असर देखते हैं.........$$$$$
- ना जाने …..
- नज़र का ये उनका मिलाना तो देखो ,
- मिला के नज़र का झुकाना तो देखो ,
- नज़र को नज़र से चुराते हुए भी ,
- शराफ़त की वो एक नज़र देखते हैं.........$$$$$
- ना जाने ….
- *****************************
- आज आँख मेरी खुल पायी है ,
- या तूने दुनिया नयी दिखाई है ,
- शुक्र है तेरा ओ मेरे खुदा ,
- जो तूने दुनिया मेरी सजाई है.........$$$$$
- कहते हैं दुनिया बड़ी हरजाई है ,
- चारों तरफ़ फैली बहुत बुराई है ,
- पर तूने बख्शी है मुझे नेमत ,
- जो दिखे हमेशा मुझे अच्छाई है .........$$$$$
- *****************************
- Aaj aankh meri khul paayi hai ,
- Ya tune duniya nayi dikhai hai ,
- Shukr hai tera o mere khuda ,
- Jo tune duniya meri sajaai hai.........$$$$$
- Kahte hain duniya badi harjaai hai ,
- Charon taraf faili bahut buraai hai ,
- Par tune bakhshi hai mujhe nemat ,
- Jo dikhe hamesha mujhe achchhaai hai.........$$$$$
- *****************************
- क्या मैं वो नहीं , जो सोचता हूँ मैं ,
- फिर क्यूँ मुझे ख़ुद पर , इतना भरोसा है .........$$$$$
- *****************************
- Kya main wo nahi, jo sochata hun main ,
- Phir kyun mujhe khud par, itna bharosa hai.........$$$$$
- *****************************
- है बरसों से पड़ी सूनी , मेरी ये कलाई ,
- याद करते ही ये ,आँख मेरी भर आई.........$$$$$
- उसकी आँखों में थी , सदा मेरे लिए दुआएं ,
- हर कदम ज़िन्दगी पे , मुझे उसकी याद आई.........$$$$$
- था खून एक ही , हम दोनों की रग़ों में ,
- पर उसके खून पे , हमेशा ही रंगत आई.........$$$$$
- बीत चुके हैं बरसों , और बीते अगिनत पल ,
- पर लगता है आएगी , फिर भूलकर वो जुदाई.........$$$$$
- मेरा वजूद मेहरबान है , उसकी इबादत का ,
- रोम रोम देता मेरा , सदा ही उसकी शुक्राई.........$$$$$
- वो मेरी बहन दोस्त थी ,और मैं उसका भाई ,
- फिर क्यूँ नहीं कर सके , रिश्ते की हम निभाई.........$$$$$
- जीवन की विषमता ने , ना कसर थी उठाई ,
- अभेद उन्हें जानकर , थी उसने ली बिदाई.........$$$$$
- तोड़ी थी उसने , वक़्त की हर धार उस सुबह ,
- और उसके बाद कभी , वो लौटकर नहीं आई .........$$$$$
- बरसों की राखियों ने है , याद मुझे ये दिलाई ,
- थी लाखों में मेरी बहन ,और मैं उसका भाई.........$$$$$
- कलाई मेरी सूनी है , और सूनी ही रहेगी ,
- पर दुआएं साथ हैं , और साथ उसकी भलाई.........$$$$$
- *****************************
- Hai barason se padi sooni , meri ye kalaai ,
- Yaad karte hi ye , aankh meri bhar aai.........$$$$$
- Uski aankon mein thi , sada mere liye duaayen ,
- Har kadam zindagi pe , mujhe uski yaad aayi.........$$$$$
- Tha khoon ek hi , hum dono ki ragon mein ,
- Par uske khoon pe , hamesha hi rangat aai.........$$$$$
- Beeten chuke hain barason , aur beete aginat pal ,
- Par lagta hai aayegi , phir bhoolkar wo judaai.........$$$$$
- Mera wajood meharbaan hai , usaki ibadat ka ,
- Rom rom deta mera , sada hee uski shukraai.........$$$$$
- Wo meri bahan dost thi , aur main uska bhai ,
- Phir kyun nahin kar sake , rishte ki hum nibhai.........$$$$$
- Jeevan ki vishamta ne , na kasar thi uthaai ,
- Abhed Unhe jaankar hi , thi usne lee bidaai.........$$$$$
- Todi thi usne waqt ki , har dhaar us subah ,
- Aur uske baad kabhi , wo lautkar nahin aayi.........$$$$$
- Barason ki Raakhiyon ne , hai yaad ye dilaai ,
- Thi lakhon mein meri bahan, aur main uska bhai .........$$$$$
- Kalaai meri sooni hai , aur sooni hi rahegi ,
- Par duaayen saath hain , aur saath uski bhalaai.........$$$$$
- *****************************
- मैं चलता हूँ दूर , जितना कभी भी
- तुम भी , उतनी ही दूर चल जाते हो
- फ़र्क सिर्फ़ इतना है , हम दोनों में
- मैं पास आता हूँ , तुम दूर जाते हो.........$$$$$
- चला है ये सिलसिला , बरसों से हमारा
- फिर क्यूँ , इसे तुम नयी बात बतलाते हो
- ग़र मिलना ना हो , होके हमरस्ता भी
- फिर क्यों साथ का , ऐसा फ़र्ज़ निभाते हो.........$$$$$
- *****************************
- Main chalata hoon door , jitna kabhi bhi
- Tum bhi , utani hi door chal jaate ho
- Fark sirf itna hai , hum dono mein
- Main paas aata hun , tum door jaate ho.........$$$$$
- Chala hai Ye silsila , barason se hamara
- Phir Kyun , ise tum nayi baat batalate ho
- Gar Milna na ho , hoke humrasta bhi
- Phir Kyon saath ka , aisa farz nibhate ho.........$$$$$
- *****************************
- ग़र की है ख़ता तुमने कहीं भी कभी ,
- ना करने की उसे फिर इल्तज़ा की है.........$$$$$
- घाव कितना भी गहरा हुआ हो मगर ,
- दिल ने फिर भी तेरे लिए दुआ की है.........$$$$$
- रस्ते गए हों बदल ज़िन्दगी में तो क्या ,
- ना हमने किस्मत तुमसे जुदा की है.........$$$$$
- तुमने दी है सज़ा जुदा हो के तो क्या ,
- ना हमने कोई मुक़र्रर सज़ा की है.........$$$$$
- दिल झुकता है अब भी मिले थे जहाँ ,
- तुझसे तनहाइयों में भी वफ़ा की है.........$$$$$
- मरते दम तक बसायेंगी ये सूरत तेरी ,
- मेरी आँखों ने मुझसे ये रज़ा की है.........$$$$$
- *****************************
- Gar Ki hai khata tumne kahin bhi kabhi ,
- Na use phir karne ki iltaza ki hai.........$$$$$
- Ghav kitna bhi gahra hua ho magar ,
- Phir bhi Dil ne tere liye dua ki hai .........$$$$$
- Raste gaye hon badal zindagi mein to kya ,
- Na kismat tumse kabhi juda ki hai.........$$$$$
- Tumne di hai saza juda ho ke to kya ,
- Na hamne koi mukarar saza ki hai.........$$$$$
- Dil jhukta hai ab bhi Mile the jahan ,
- Tujhse tanhaaiyon mein bhi wafa ki hai.........$$$$$
- Marte dam tak basaayengi ye surat teri ,
- Meri ankon ne mujhase ye raza ki hai.........$$$$$
- *****************************
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