(( जो मिल जाएगी तू ))
तेरे इंतज़ार में कैसे
कटता है वक़्त ना पूछ मुझसे....!!!
तेरे बगैर तन्हा रहता
हूँ कैसे ना पूछ मुझसे....!!!
तू ही तू चाहिए दिल
की गहराइयो में....!!!
जीता हूँ तेरे बगैर
कैसे ना पूछ मुझसे....!!!
जो मिल जाएगी तू तो
होगी कितनी ख़ुशी ना पूछ मुझसे.
((( ऐसी होगी मेरी मोहब्बत))
मेरी मोहब्बत उस पर
ही बरसेगी जो मेरा दिल जीतेगी....!!!
अपने अभिमान से ज्यादा
अपनों को सम्मान देगी।
हर हाल में साथ और
दुविधा में भी हौसला बढ़ा देगी....!!!
मेरी गलती पर नाराज़
होगी फिर गुस्से में मुस्करा देगी।
मेरी मोहब्बत उस पर
ही बरसेंगी जो मेरा दिल जीतेगी....!!!
ना आंधी ना बरसात
में काम होगा मेरा जो विश्वास उस पर होगा।
नादान भले होगी वो
पर अपनी बाते मुझे समझा देगी....!!!
समझेगी मेरे हालात
को और फिर उसमे जो मेरा साथ देगी।
उदास होगी और फिर
हस्ते हुए मुझे भी रूला देगी....!!!
कुछ ऐसी होगी वो जो
मेरा जीवन भर साथ देगी।
मेरे दिलो दिमाग में
जो रहेगी और मेरी ज़िन्दगी में जो खुराफात करेगी....!!!
दोस्तों ऐसी होगी
तुम्हारी भाभी जो तुमको कभी भैया तो कभी देवर कहेगी।
(( उम्मीदें जुड़ी हैं
तुझसे ))
उम्मीदें जुड़ी हैं
तुझसे टूटने मत देना....!!!
दिल एक मोम है पिघलने
मत देना....!!!
दिल ने चाहा है उसे...
आज पता चला ....!!!
इस धड़कन को कभी बंद
होने मत देना।
(( अपनी आज़ादी को हम ))
अपनी आज़ादी को हम
हरगिज़ मिटा सकते नहीं....!!!
सर कटा सकते हैं लेकिन
सर झुका सकते नहीं।
(( खुदा करे जिदगी में ))
खुदा करे जिदगी मे
हो मकाम आये....!!!
तुझे भूलने कि दुआ
करु पर.
दुआ मे तेरा नाम आये....!!!
(( दिल एक मोम है ))
उम्मीदें जुड़ी हैं
तुझसे टूटने मत देना....!!!
दिल एक मोम है पिघलने
मत देना....!!!
दिल ने चाहा है उसे
आज पता चला ....!!!
इस धड़कन को कभी बंद
होने मत देना....!!!
(( शाम के बाद सुबह ))
शाम के बाद सुबह आती
है
देख लेना अपनी आँखों
से....!!!
दिल की बात एक दिन
होठों पे आएगी....!!!
सुन लीजियेगा अपने
कानों से....!!!
(( चलते चलते मेरे कदम ))
चलते-चलते मेरे कदम
हमेशा यही सोचते हैं....!!!
कि किस ओर जाऊं तो
तू मिल जाये
(( हर एक पहलू तेरा ))
हर एक पहलू तेरा मेरे
दिल में आबाद हो जाये....!!!
तुझे मैं इस क़दर
देखूं मुझे तू याद हो जाये.
(( हक़ीक़त ना सही तुम ))
हक़ीक़त ना सही तुम
ख़्वाब की तरह मिला
करो....!!!
भटके हुए मुसाफिर
को....!!!
चांदनी रात की तरह
मिला करो....!!!
(( हक़ीक़त ना सही तुम
शायरी ))
((दो अश्क मेरी याद
में ))
दो अश्क मेरी याद
में बहा जाते तो क्या जाता....!!!
चन्द कालियां लाश
पे बिछा जाते तो क्या जाता....!!!
आये हो मेरी मय्यत
पर सनम नक़ाब ओढ़ कर तुम....!!!
अगर ये चांद का टुकडा
दिखा जाते तो क्या जाता....!!!
दो अश्क मेरी याद
में शायरी
(( मैं कुछ लम्हा और
तेरा ))
मैं कुछ लम्हा और
तेरा साथ चाहता था....!!!
आँखों में जो जम गयी
वो बरसात चाहता था....!!!
सुना हैं मुझे बहुत
चाहती है वो मगर....!!!
मैं उसकी जुबां से
एक बार इज़हार चाहता था....!!!
(( दो हिस्सो में बंट
गये ))
दो हिस्सो में बंट
गये
मेरे तमाम अरमान....!!!
कुछ तुझे पाने निकले....!!!
कुछ मुझे समझाने निकले....!!!
(( चलो आज खामोश प्यार
को ))
चलो आज खामोश प्यार
को इक नाम दे दें....!!!
अपनी मुहब्बत को इक
प्यारा अंज़ाम दे दें....!!!
इससे पहले कहीं रूठ
न जाएँ मौसम अपने....!!!
धड़कते हुए अरमानों
एक सुरमई शाम दे दें....!!!


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