तुम्हारा दिल मेरे दिल के बराबर हो नहीं सकता....!!!
वो शीशा हो नहीं सकता ये पत्थर हो नहीं सकता....!!!
हम ने सीने से लगाया दिल न अपना बन सका....!!!
मुस्कुरा कर तुम ने देखा दिल तुम्हारा हो गया....!!!
मेरी आँखों में मत ढूंढा करो खुद को
पता है ना....!!!....!!! दिल में रहते हो खुदा की तरह....!!!
वो दिल लेकर हमें बेदिल ना समझें उनसे कह देना....!!!
जो हैं मारे हुए नज़रों के उनकी हर नज़र दिल है....!!!
कल जहाँ से कि उठा लाए थे अहबाब मुझे....!!!
ले चल आज वहीं फिर दिल-ए-बे-ताब मुझे....!!!
दिल वो है जो फ़रियाद से भरा रहता है हर वक़्त....!!!
हम वो हैं कि कुछ मुँह से निकलने नहीं देते....!!!
किसी का क्या जो क़दमों पर जबीं-ए-बंदगी रख दी....!!!
हमारी चीज़ थी हमने जहां जानी वहां रख दी....!!!
जो दिल माँगा तो वो बोले ठहरो याद करने दो....!!!
ज़रा सी चीज़ थी हमने जाने कहाँ रख दी....!!!
किसी के दिल में क्या छुपा है
ये बस खुदा ही जानता है....!!!
दिल अगर बेनकाब होता
तो सोचो कितना फसाद होता....!!!
उसको बातों में लगा लूँ तो चले जाईयेगा....!!!
उल्फत का अक्सर यही दस्तूर होता है....!!!
जिसे चाहो वही अपने से दूर होता है....!!!
दिल टूटकर बिखरता है इस कदर....!!!
जैसे कोई कांच का खिलौना चूर-चूर होता है....!!!
तू ही बता दिल कि तुझे समझाऊं कैसे....!!!
जिसे चाहता है तू उसे नज़दीक लाऊँ कैसे....!!!
यूँ तो हर तमन्ना हर एहसास है वो मेरा....!!!
मगर उसको ये एहसास दिलाऊं कैसे....!!!
मोहब्बत मुझे थी उसी से सनम....!!!
यादों में उसकी यह दिल तड़पता रहा....!!!
मौत भी मेरी चाहत को रोक न सकी....!!!
कब्र में भी यह दिल धड़कता रहा ....!!!
मुझे नही पता कि ये बिगड़ गया या सुधर गया....!!!
बस अब ये दिल किसी से मोहब्बत नही करता....!!!
मुझे रिश्तो की लम्बी कतारों से
क्या मतलब....!!!....!!!....!!!
कोई दिल से हो मेरा तो एक
शख्स ही काफी है ....!!!
तजुर्बा कहता है
मोहब्बत से किनारा कर लूँ....!!!....!!!....!!!
और दिल कहता है
ये तज़ुर्बा दोबारा कर लूँ ....!!!
ये तो नहीं कि तुम सा जहान में हसीन नहीं....!!!
इस दिल का क्या करूँ ये बहलता कहीं नहीं....!!!
सौ बार कहा दिल से....!!!....!!!
चल भुल भी जा उसको ....!!!
हर बार कहा दिल ने....!!!....!!!
तुम दिल से नही कहते ....!!!
आज फिर मौसम नम हुआ
मेरी आँखों की तरह....!!!
शायद बादलों का भी दिल
किसी ने तोड़ा होगा ....!!!
इस से ज़्यादा तुम्हे और
कितना करीब लाऊँ मैं....!!!
कि तुम्हे दिल में रख कर भी
मेरा दिल नहीं भरता ....!!!



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