यह जो हिज्र में दीवार-ओ-दर को देखते हैं....!!!
कभी सबा को कभी नामबर को देखते हैं....!!!
वो आये घर में हमारे खुदा की कुदरत है....!!!
कभी हम उनको कभी अपने घर को देखते हैं....!!!
जीने की उसने हमे नई अदा दी है....!!!
खुश रहने की उसने दुआ दी है....!!!
ऐ खुदा उसको खुशियाँ तमाम देना....!!!
जिसने अपने दिल मे हमें जगह दी है....!!!
जिंदगी उसी को आजमाती है....!!!
जो हर मोडपर चलना जानता है....!!!
कुछ पा कर तो हर कोई मुस्कुराता है....!!!
जिंदगी उसी की है ....!!!....!!!....!!!....!!!
जो सबकुछ खो कर भी मुस्कुराना जानता है....!!!
ज़िन्दगी एक हसीन ख़्वाब है....!!!
जिसमें जीने की चाहत होनी चाहिये....!!!
ग़म खुद ही ख़ुशी में बदल जायेंगे....!!!
सिर्फ मुस्कुराने की आदत होनी चाहिये ....!!!
जब ख़ुशी मिली तो कई दर्द मुझसे रूठ गए....!!!
दुआ करो कि मैं फिर से उदास हो जाऊं....!!!
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